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Top Upcoming ipo semiconductor companies 2025-26 : भारत में चिप (Chip) कंपनियों के आने वाले IPOs

 Upcoming ipo semiconductor companies 2025-26

भारत का टेक्नोलॉजी सेक्टर अब एक नए मोड़ पर खड़ा है। जहां पहले आईटी सर्विसेस और सॉफ्टवेयर कंपनियां ही बाजार की पहचान थीं, वहीं अब सेमीकंडक्टर यानी चिप इंडस्ट्री निवेशकों का ध्यान खींच रही है।

पिछले कुछ वर्षों में दुनिया ने चिप की कमी (chip shortage) का सामना किया है। इससे साफ हो गया कि आने वाले दशकों में सेमीकंडक्टर तेल और गैस जितने ही रणनीतिक और जरूरी होंगे। भारत इस चुनौती को अवसर में बदलने की तैयारी कर चुका है।

सरकार की नीतियां, वैश्विक कंपनियों की रुचि और भारतीय दिग्गजों की एंट्री – यह सब मिलकर संकेत देते हैं कि आने वाले वर्षों में चिप कंपनियों के आईपीओ भारतीय शेयर बाजार की सबसे बड़ी घटनाओं में से एक होंगे।

Top Upcoming ipo semiconductor companies 2025-26
Top Upcoming ipo semiconductor companies 2025-26

भारत में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री की ज़रूरत क्यों

  • भारत दुनिया का सबसे बड़ा स्मार्टफोन उपभोक्ता बाजार बन चुका है।

  • इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की वजह से चिप्स की डिमांड तेजी से बढ़ रही है

  • दुनिया में geopolitical tensions (जैसे अमेरिका-चीन टकराव) के कारण कंपनियां नई मैन्युफैक्चरिंग लोकेशन तलाश रही हैं।

  • भारत के पास बड़ा टैलेंट पूल और सरकारी सपोर्ट है।


आने वाली प्रमुख चिप कंपनियों के संभावित आईपीओ

Company Name Parent Group / Origin Focus Area Expected Timeline Possible Valuation (Approx.)
Vedanta Semiconductor Vedanta Group (India) Chip Manufacturing & Fab Units 2025–2026 $8–10 Billion
Tata Electronics Tata Group (India) Semiconductor Design & Manufacturing 2026 $6–8 Billion
Micron India Micron Technology (USA) Assembly & Testing Plant in Gujarat 2026–2027 $4–5 Billion
HCL Semiconductor HCL Tech (India) Chip Design & R&D 2026 onward $2–3 Billion
Saankhya Labs Startup (India) Fabless Chip Design 2027 onward $500M–1 Billion
Invecas Startup (India) Semiconductor IP & Design Solutions 2027 onward $500M–1 Billion

यह अनुमानित आंकड़े हैं, असली वैल्यूएशन और टाइमलाइन कंपनी की योजना और मार्केट कंडीशन पर निर्भर करेंगे।

वेदांता सेमीकंडक्टर (Vedanta Semiconductor)

वेदांता ग्रुप ने भारत में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग की बड़ी योजना बनाई है। कंपनी का मकसद है कि भारत को चिप्स के मामले में आत्मनिर्भर बनाया जाए।

  • प्लान – गुजरात में एक बड़ा सेमीकंडक्टर फैब यूनिट सेटअप करना।

  • ग्लोबल पार्टनरशिप – शुरुआत में Foxconn के साथ साझेदारी की थी, लेकिन अब वेदांता खुद आगे बढ़ रहा है।

  • संभावित आईपीओ – वेदांता सेमीकंडक्टर को अलग इकाई बनाकर स्टॉक मार्केट में लिस्टिंग कराने की योजना है।

  • निवेशकों के लिए अवसर – अगर यह आईपीओ आता है तो भारत का सबसे बड़ा टेक सेक्टर आईपीओ हो सकता है।


टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स (Tata Electronics)

टाटा ग्रुप पहले से ही भारत के सबसे भरोसेमंद बिजनेस हाउस में गिना जाता है। अब कंपनी सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भी कदम बढ़ा रही है।

  • फोकस – चिप डिजाइन, पैकेजिंग और आगे चलकर मैन्युफैक्चरिंग।

  • इन्वेस्टमेंट – कंपनी ने तमिलनाडु और कर्नाटक में यूनिट लगाने की योजना बनाई है।

  • संभावित आईपीओ – 2026 तक टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का अलग आईपीओ आने की संभावना है।

  • क्यों खास है – टाटा का नाम ब्रांड वैल्यू देता है, जिससे निवेशक इस पर भरोसा करेंगे।


माइक्रोन इंडिया (Micron India)

Micron Technology पहले से ही अमेरिकी बाजार में बड़ी कंपनी है। भारत में इसकी नई यूनिट से भारतीय निवेशकों के लिए अवसर खुल सकता है।

  • प्रोजेक्ट – गुजरात के साणंद में बड़ा assembly और testing प्लांट।

  • गवर्नमेंट सपोर्ट – इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार की सेमीकंडक्टर पॉलिसी से सीधा लाभ मिलेगा।

  • संभावित आईपीओ – माइक्रोन की भारतीय यूनिट भविष्य में स्टॉक मार्केट में आ सकती है।

  • निवेशकों के लिए महत्व – यह पहला मौका होगा जब भारतीय निवेशक किसी अमेरिकी दिग्गज की भारतीय शाखा में सीधे हिस्सेदारी ले सकेंगे।


एचसीएल सेमीकंडक्टर डिज़ाइन (HCL Semiconductor Design)

एचसीएल टेक्नोलॉजी पहले से ही ग्लोबल लेवल पर सेमीकंडक्टर डिजाइनिंग में काम कर रहा है।

  • बिजनेस मॉडल – यह कंपनी खुद चिप्स नहीं बनाती, बल्कि ग्लोबल कंपनियों के लिए डिजाइनिंग और R&D करती है।

  • फायदा – डिजाइनिंग का बिजनेस हाई मार्जिन वाला होता है और इसमें पूंजी निवेश अपेक्षाकृत कम चाहिए।

  • संभावित आईपीओ – एचसीएल अपने सेमीकंडक्टर डिजाइन डिवीजन को अलग करके आईपीओ ला सकता है।

  • निवेशक अवसर – अगर यह यूनिट लिस्ट होती है तो लॉन्ग टर्म टेक इन्वेस्टर्स के लिए बढ़िया मौका हो सकता है।


सांख्या लैब्स (Saankhya Labs)

Saankhya Labs भारत का घरेलू स्टार्टअप है जिसने चिप डिजाइनिंग में बड़ा नाम बनाया है।

  • फोकस – वायरलेस कम्युनिकेशन, 5G और डिफेंस एप्लीकेशंस के लिए चिप डिजाइन।

  • अक्विजिशन – कुछ समय पहले इस कंपनी में रिलायंस जियो ने निवेश किया है।

  • संभावित आईपीओ – रिलायंस के सपोर्ट से यह स्टार्टअप आने वाले 3–5 सालों में आईपीओ ला सकता है।

  • निवेशक अवसर – शुरुआती स्टेज की ग्रोथ कंपनियों में निवेश करने का मौका मिलेगा।


इन्वेकस (Invecas)

Invecas एक और भारतीय सेमीकंडक्टर डिजाइन कंपनी है जो ग्लोबल क्लाइंट्स को चिप डिजाइन सॉल्यूशंस देती है।

  • फोकस – हाई परफॉर्मेंस चिप डिजाइन और IP सॉल्यूशंस।

  • ग्लोबल नेटवर्क – अमेरिका और यूरोप में इनके क्लाइंट्स हैं।

  • संभावित आईपीओ – 2027 या उसके बाद Invecas पूंजी जुटाने के लिए आईपीओ ला सकता है।

  • निवेशक अवसर – भारत के डिजाइन टैलेंट को वैश्विक लेवल पर exposure दिलाने वाली कंपनी में शुरुआती निवेश।


निवेशकों के लिए अवसर

  1. लॉन्ग टर्म ग्रोथ – चिप सेक्टर को 20–30 साल तक demand driven growth मिलेगी।

  2. गवर्नमेंट सपोर्ट – भारत सरकार इस सेक्टर में अरबों रुपये की सब्सिडी और इंसेंटिव दे रही है।

  3. डाइवर्सिफिकेशन – अबतक निवेशक आईटी, फार्मा और बैंकिंग पर निर्भर थे। चिप्स में निवेश से पोर्टफोलियो में नया सेक्टर जुड़ जाएगा।

  4. ग्लोबल मार्केट एक्सेस – भारतीय कंपनियां केवल भारत ही नहीं बल्कि निर्यात के जरिए वैश्विक बाजारों में भी पहुंचेंगी।


निवेश से जुड़े जोखिम भी ध्यान रखें

  • हाई कैपेक्स इंडस्ट्री – एक सेमीकंडक्टर फैब बनाने में ही अरबों डॉलर का खर्च आता है।

  • टेक्नोलॉजी का तेजी से बदलना – अगर कंपनी नई पीढ़ी की चिप्स पर काम न करे तो वह पिछड़ सकती है।

  • ग्लोबल डिपेंडेंसी – चिप इंडस्ट्री कच्चे माल और मशीनरी के लिए ताइवान, जापान और अमेरिका पर निर्भर है।

  • लंबा गेस्टेशन पीरियड – किसी चिप प्रोजेक्ट को शुरू से मुनाफे तक पहुंचने में कई साल लग जाते हैं।


सरकार की भूमिका

भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर मिशन के तहत कई अहम कदम उठाए हैं:

  • 76,000 करोड़ रुपये की स्कीम

  • टैक्स छूट और PLI स्कीम

  • गुजरात में डेडिकेटेड सेमीकंडक्टर हब

  • टैलेंट डेवलपमेंट के लिए IIT और टेक्निकल यूनिवर्सिटीज के साथ मिलकर स्पेशल कोर्स

इससे कंपनियों को तेजी से प्रोजेक्ट सेटअप करने में मदद मिलेगी।


निष्कर्ष

भारत में चिप कंपनियों के आने वाले आईपीओ केवल निवेश का अवसर नहीं हैं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए ऐतिहासिक बदलाव का हिस्सा भी हैं। Vedanta, Tata, Micron और HCL जैसी कंपनियां इस लिस्ट में प्रमुख हैं।

अगर आप लॉन्ग टर्म निवेशक हैं और टेक्नोलॉजी सेक्टर में भरोसा रखते हैं, तो आने वाले सालों में चिप कंपनियों के आईपीओ पर नजर रखना आपके लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकता है।


अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

प्रश्न 1. क्या भारत में 2025 में कोई चिप कंपनी का आईपीओ आएगा
जी हां, सबसे पहले वेदांता सेमीकंडक्टर के आईपीओ की संभावना जताई जा रही है।

प्रश्न 2. क्या टाटा ग्रुप भी सेमीकंडक्टर कंपनी का आईपीओ लाएगा
हां, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स 2026 तक आईपीओ ला सकता है।

प्रश्न 3. क्या विदेशी कंपनियां भी भारत में सेमीकंडक्टर आईपीओ लाएंगी
माइक्रोन और अन्य विदेशी कंपनियां भारत में निवेश कर रही हैं। भविष्य में उनकी भारतीय यूनिट्स का आईपीओ संभव है।

प्रश्न 4. क्या इन कंपनियों में निवेश लंबी अवधि के लिए सुरक्षित है
यह सेक्टर हाई ग्रोथ वाला है लेकिन इसमें बड़े रिस्क भी हैं। लंबी अवधि के निवेशकों के लिए यह बेहतर अवसर हो सकता है, लेकिन रिसर्च जरूरी है।